Gyanupvan

मेरा स्कूल

अपना घर तो प्यारा ही लगता,
मिला मुझे एक नया संसार।
जब मैंने देखा अपना,
प्यारा स्कूल पहली बार।

साथ में खेलने के लिए,
प्यारे संगी-साथी मिले।
इतनी खुशी मिली पहली बार,
कितना बड़ा है यह परिवार।

माँ-पिता सम गुरु मिले,
जिसने भरे हमारे ज्ञान भण्डार,
जिससे सीखा अच्छा व्यवहार,
बड़ो को आदर, छोटों को प्यार।

गलतियों पर सजा मिले,
सफलता पर मिले पुरस्कार।
सपने देखना जहा से सीखा ,
और सीखा उन्हें करना साकार।