सावन
हरियाली फैली चहुँ ओर,
छाई है घटा घनघोर,
रिमझिम बारिस का है शोर,
पंख फैलाए नाचे मोर |
ऋतु है ये सुहानी आई,
हरी चूड़ियों ने चूमी कलाई,
खुश हो सभी में तीज मनाई,
भाइयों ने राखी बँधवाई |
धान की फसल लहराएँ चहुँ ओर,
बिजली के कड़कने का शोर,
पवन करे भाव विभोर,
सुहावना मौसम बड़ा चितचोर |
मन को भाया है सावन,
झूम उठा खुशियों से मन,
झूला देख लौटा बचपन,
काश ! ऐसा ही हो हर मौसम |