माँ

June 24, 2023
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माँ ममता की मुर्ति
माँ जीवन का आधार ।
इसके बिना तो यह जग
बिल्कुल ही निराधार ।।

माँ ही जीवन देती है
जिससे सफल संसार ।
माँ का फिर भी है, अधम नर
भूल जाए उपकार ।।

आज अगर जीवन मिला
तो माँ ही उसका आधार
उसके बिना तो
निर्जन यह संसार ।।

माँ से ही बने
यह घर परिवार ।
फिर भी पाते ही सफलता
माँ ही लगे बेकार ।।

जो लुटाई तुम पे ममता
न्यौछावर कर दिया प्यार ।
उस माँ से क्यूँ
करे है नर तू दुर्व्यवहार ।।

स्वयं भूखे रह कर
करती तेरा इन्तजार ।
दो मीठे जो वचन बोल दे
बुढापा ना होगा अपार ।।

दु:खी हो रोती किसीसे न कहती
सुने तेरे ताने की टंकार।
स्वय को कोसती, कही तो कमी थी
दिए जो संस्कार ।।

Written by

gyanadmin

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