देश की बेटी

June 24, 2023
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भारत की पावन भूमि पर,
हमें नाज है पैदा होकर ।

शूरवीरों की धरती यह,
सिखलाती ना किसी से डर ।

तू लक्ष्य बना ले अपना एक,
दिखला दे सफल होकर ।

बेटा तो क्या, बेटी यहा,
लेती है सबसे टक्कर ।

वह लड़ती है, वह मरती है,
अपने देश की आन पर।

फिर तुम क्यू होते हो दु:खी,
इनके पैदा होने पर।

मन हर्षित है मन पुलकित है,
आज बेटी की इस सफलता पर।

आँगन की खुशी ही नही देश की शान है,
गर्व करो इस स्वर्ण धरा पे उसको पैदा कर।

Written by

gyanadmin

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